दुनिया भर में कई भूतिया कहानियां (bhootiya kahani) प्रसिद्ध है. उन प्रसिद्ध कहानियो (bhootiya kahani) में से भारत का नाम भी शामिल है. भारत में कई ऐसी जगह आज भी है जहा सरकारी तोर पर सूर्यास्त के बाद जाना मना है. तो चलिए आज जानते है भारत की सबसे भूतिया जगह.
भानगढ़ का किला-
भानगढ़ का किला, जो राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है, भारत के सबसे भूतिया और रहस्यमय स्थलों में से एक माना जाता है. इस किले की भूतिया कहानियाँ सदियों से लोगों के बीच जानी जाती हैं और इस किले के चारों ओर कई रहस्यमय और डरावनी कहानियाँ प्रचलित हैं.
भानगढ़ की रहस्यमयी घटनाएँ-
कहते हैं कि भानगढ़ के किले में सूर्यास्त के बाद जाने की मनाही है, क्योंकि शाम के समय यहां अजीबोगरीब घटनाएँ घटती हैं. कई लोगों ने रात में यहां चीखें, अजीब आवाजें और कुछ असामान्य घटनाओं का अनुभव किया है. किले के अंदर जाकर लोग खो गए हैं या उनके साथ कुछ अनहोनी हुई है. भारतीय पुरातत्व विभाग ने भी किले के बाहर एक बोर्ड लगाया हुआ है जिसमें लिखा है कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले इस किले में प्रवेश करना मना है.
भानगढ़ की किले की भूतिया कथा-
कहते हैं कि भानगढ़ का किला अपने समय में एक समृद्ध और खुशहाल राज्य था. यहां की राजकुमारी रत्नावती अपनी अद्वितीय सुंदरता के लिए प्रसिद्ध थी. उसके सौंदर्य के चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए थे। एक दिन एक तांत्रिक (जादूगर), जिसका नाम सिंहिया था, राजकुमारी पर मोहित हो गया. तांत्रिक काले जादू का माहिर था और उसने राजकुमारी को पाने के लिए एक जादुई चाल चली.
एक दिन, जब राजकुमारी की दासी बाजार में इत्र खरीदने गई, तांत्रिक ने उस इत्र की शीशी पर जादू कर दिया ताकि राजकुमारी उसे छूते ही उस पर मोहित हो जाए और सिंहिया के पास चली आए. लेकिन राजकुमारी, जो बुद्धिमान और समझदार थी, इत्र को एक बड़े पत्थर पर फेंक दिया, जिससे तांत्रिक की मौत हो गई.
मरने से पहले, तांत्रिक ने भानगढ़ के किले को शाप दिया कि यहाँ की पूरी नगरी बर्बाद हो जाएगी और इसमें रहने वाले सभी लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त होंगे. जल्द ही, सिंहिया का शाप सच साबित हुआ. एक युद्ध में भानगढ़ की पूरी नगरी तहस-नहस हो गई और वहां के लोग मारे गए. तभी से यह किला वीरान हो गया और वहां कोई नहीं बचा.
कुलधरा गाँव-
कुलधरा गाँव, राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित, एक प्राचीन और रहस्यमय गाँव है. जिसे भूतिया स्थानों में गिना जाता है. कुलधरा की कहानी सदियों से चली आ रही है और इसमें गहरे रहस्य और डरावनी घटनाएँ छिपी हुई हैं. कुलधरा का यह निर्जन गाँव रातोंरात अपने निवासियों द्वारा त्याग दिया गया था, और तब से यहाँ अजीब घटनाओं की वजह से इसे “भूतिया” गाँव कहा जाता है.
लगभग 300 साल पहले, कुलधरा एक समृद्ध और खुशहाल गाँव था, जहाँ पलिवाल ब्राह्मणों का बसेरा था. यह ब्राह्मण समुदाय खेती-बाड़ी और व्यापार में माहिर था, जिससे गाँव की स्थिति समृद्ध बनी रहती थी. यह गाँव एक सभ्य और शांतिपूर्ण जगह मानी जाती थी.
एक रात, कुलधरा और आसपास के 83 गाँवों के पलिवाल ब्राह्मणों ने एक साथ गाँव छोड़ने का निर्णय किया. कहते हैं कि गाँव के सभी लोग एक ही रात में अपने घर, अपनी संपत्ति, और सब कुछ छोड़कर हमेशा के लिए चले गए. सबसे अजीब बात यह है कि कोई नहीं जानता कि वे कहाँ गए और क्यों उन्होंने इतना बड़ा निर्णय लिया.
कहते हैं कि गाँव छोड़ते समय उन्होंने एक शाप दिया कि इस गाँव में फिर कभी कोई नहीं बस पाएगा, और जो भी यहाँ बसने की कोशिश करेगा, उसे दुर्भाग्य का सामना करना पड़ेगा.
कुलधरा के बाद से यह गाँव एक निर्जन और वीरान जगह बन गया. लोगों का मानना है कि यहाँ भूत-प्रेतों का वास है और रात के समय यहाँ अजीब आवाज़ें, चीखें, और अस्पष्ट घटनाएँ घटती हैं. कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने रात के समय गाँव में परछाइयों को चलते देखा है और अजीबोगरीब आवाजें सुनी है.