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Ganesh chaturthi Mandir 2024: बप्पा के इस मंदिर के दर्शन मात्र से खत्म हो जाते हैं दुख

Ganesh chaturthi Mandir 2024: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन गणेश चतुर्थी का पावन त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन सबके प्रिये भगवान गणेश की आराधना की जाती है. सनातन धर्म के शास्त्रों में वर्णित है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का अवतरण हुआ था.

Ganesh chaturthi 2024: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन गणेश चतुर्थी का पावन त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन सबके प्रिये भगवान गणेश की आराधना की जाती है. सनातन धर्म के शास्त्रों में वर्णित है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का अवतरण हुआ था. इसलिए इस दिन भगवान गणेश (Ganesh chaturthi Mandir 2024) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और इस बार यह 7 अगस्त को मनाया जायेगा . महाराष्ट्र और गुजरात में गणेश चतुर्थी बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से आय, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है, और धन संबंधी सभी समस्याओं का निवारण होता है. इस पावन अवसर पर श्रद्धालु भक्ति-भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं. देशभर में कई से प्रमुख गणेश मंदिर (Ganesh chaturthi Mandir 2024) हैं, जिनमें से दगड़ू सेठ गणपति मंदिर का इतिहास सौ वर्षों से अधिक पुराना है. माना जाता है कि यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं कि मान्यताएं पूरी होती है. तो चलिए जानते है कि क्या है इसके पीछे कि मान्यताएं और क्यों है ये इतना प्रसिद्ध.

कहां है गणपति बाप्पा का ये प्रसिद्ध मंदिर?

दगड़ू सेठ गणपति मंदिर महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित है. कहा जाता है कि हर दिन हजारों और लाखों की संख्या में श्रद्धालु गणपति बप्पा के दर्शन के लिए इस मंदिर में आते हैं. लोगो का ऐसा विश्वास है कि यहां आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता, और उसकी मांगी हुई सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. गणेश (Ganesh chaturthi Mandir 2024) उत्सव के पावन अवसर पर दगड़ू सेठ गणपति मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है जिसमें सम्मिलित होना हर भक्ति का सपना होता है. यह मंदिर सौ वर्षों से भी अधिक पुराना है और इसमें भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा स्थापित है. गणेश जी की प्रतिमा की ऊंचाई 2 मीटर से अधिक है. मंदिर में प्रतिदिन पूजा और आरती का आयोजन होता है, और इसकी देखरेख दगड़ू सेठ गणपति ट्रस्ट द्वारा की जाती है.

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क्या है इस मंदिर का इतिहास ?

इतिहासकारों के अनुसार, पुणे स्थित गणपति मंदिर का निर्माण दगड़ू सेठ हलवाई ने करवाया था. कहा जाता है कि दगड़ू सेठ मिठाई का व्यवसाय करते थे. अपने व्यापार के चलते वे पुणे में आकर बस गए और समय के साथ एक सफल व्यापारी बन गए. इसी दौरान प्लेग महामारी के कारण उनके इकलौते पुत्र का निधन हो गया, जिससे दगड़ू सेठ को गहरा सदमा लगा था. उनकी मानसिक स्थिति बदलने लगी। यह देखकर उनकी पत्नी ने उन्हें किसी पंडित से मिलने की सलाह दी. उस समय एक साधु ने दगड़ू सेठ को पुणे में गणेश मंदिर बनवाने का सुझाव दिया. साधु की सलाह पर दगड़ू सेठ ने गणपति मंदिर का निर्माण कराया और मंदिर में भगवान गणेश (Ganesh chaturthi Mandir 2024) की प्रतिमा की स्थापना की ऐसा भी माना जाता है कि बाल गंगाधर तिलक ने इसी मंदिर से सार्वजनिक गणेश पूजा की शुरुआत की थी. आज भी हर साल दगड़ू सेठ गणपति मंदिर में गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन (Ganesh chaturthi Mandir 2024) करने से भक्तों के सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं.

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