Independence Day: भारत को वेदों की भूमि कहा जाता है. जहां पर ज्योतिष की उत्पत्ति और विकास हुआ था. भारत के लोग ज्योतिष पर लंबे समय से भरोसा करते आएं है. चाहे वे समाज के कल्याण के लिए हो या फिर कृषि उद्धेश्यों के लिए, लेकिन क्या आपको पता कि भारत की आजादी के लिए भी मुहूर्त देखें गए थे. इस बात की जानकारी अगर आपको नहीं है तो चलिए आज इस लेख में जानते है.
इस बार भारत में 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. पूरे भारत में 15 अगस्त को लेकर काफी तेजी से काम चल रहा है. लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. भारत की स्वतंत्रता का समय ज्योतिष से काफी प्रभावित था. 1947 में अंग्रेज भारत छोड़ने के बारे में सोच चुके थे. तब उस भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ राजेंद्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति बने थे. तभी डॉ राजेंद्र प्रसाद ने गोस्वामी गणेश महाराज के माध्यम से उज्जैन से पंडित सूर्यनारायण व्यास को बुलाया था. तब उन्होंने पंचांग देखकर कहा था कि 14 या 15 अगस्त का दिन आजादी के लिए शुभ मुहूर्त है. तब इन दोनों तारीखों में से एक तारीख पाकिस्तान के आजादी के लिए हुआ और दूसरा भारत के लिए. इन सब के बाद गोस्वामी गणेश महाराज ने भारत की आजादी के लिए 12 बजे यानी स्थिर लग्र नक्षत्र का समय बताया था. महाराज जी ने कहा कि ये लग्र स्थिर माना जाता है इसलिए इस आजादी की घोषणा करने से भविष्य में आजादी और लोकतंत्र दोनों ही स्थिर होंगे. आजादी होने के बाद गोस्वामी गणेश महाराज जी ने पूरे संसद की शुद्धिकरण करवाई क्योंकि ब्रिटिश के बाद संसद में पहली बार कोई भारतीय बैठने जा रहे थे.
जब पंडित सूर्य नारायण व्यास ने आजादी के लिए 14 और 15 की मध्यरात्रि का समय सबसे उचित बताया. तब मोहम्मद अली जिन्ना मुहूर्त आदि को नहीं मानते थे और उन्होंने 14 अगस्त 1947 का दिन चुना. इस दिन को लेकर पंडित सूर्य नारायण व्यास ने कहा कि यह मुहूर्त बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसा करने से लग्र अस्थिर बन रहा है. साथ ही साथ गुरू भी शत्रु स्थान पर है. मेरी बात मानें तो ऐसा न करें, क्योंकि ऐसा करने से देश में हमेशा अस्थिरता फैली रहेगी.