Premanand Maharaj Kath : प्रेमानंद महाराज एक प्रसिद्ध और सम्मानित संत में से एक है. इनकी कथा लोग दूर-दूर से सूनने आते हैं. प्रेमानंद महाराज अपनी एक विडियो में कहते है कि कुछ लोग पितरों की फोटो कही भी लगा दें देते हैं और साथ ही साथ उन्होंने कहा कि पितरों की फोटो मंदिर में लगानी चाहिए या नहीं. तो आइए जानते है.
- महाराज (Premanand Maharaj Kath) के अनुसार, यदि आप अपने माता-पिता की तस्वीर मंदिर में रखते हैं, तो यह एक सवाल उठता है कि क्या यह उचित है या नहीं. उन्होंने सुझाव दिया कि यह ठीक नहीं है यदि आप केवल उनकी तस्वीर वहाँ रखते हैं बिना नियमित पूजा-पाठ के। इस प्रकार, केवल तस्वीर रखने से कोई लाभ नहीं होगा, और यह पूजा की प्रक्रिया के बिना सही नहीं है.
- महाराज (Premanand Maharaj Kath) ने लड्डू गोपाल जी (भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप) के संदर्भ में कहा कि उनके चित्र की पूजा की जा सकती है क्योंकि यह मान्यता है कि उनकी वास्तविक रूप का कोई भौतिक प्रमाण नहीं है. उनकी पूजा करने से कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन यदि पितरों की तस्वीर को मंदिर में बिना पूजा के रखा जाता है, तो यह उचित नहीं होगा.
- प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj Kath) का कहना है कि भगवान का शरीर दिव्य और सच्चिदानंद है जबकि मानव शरीर नाशवान है. इसलिए, माता-पिता की तस्वीरों को भगवान के सिंहासन पर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह उनके स्थान की गरिमा को ठेस पहुँचा सकता है.
- महाराज (Premanand Maharaj Kath) के अनुसार, अगर माता-पिता की तस्वीर में भगवान की उपस्थिति का अनुभव होता है, तो आप भगवान की अलग तस्वीर रखने की आवश्यकता महसूस नहीं करेंगे. यह एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण है जो दिखाता है कि अगर भगवान की उपस्थिति को महसूस किया जा सके तो अलग पूजा की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए.
- यदि आप मंदिर में अपने माता-पिता की तस्वीर रखते हैं और नियमित रूप से उनकी सेवा करते हैं, तो यह भक्तों के लिए एक उपाय हो सकता है जिससे उन्हें आध्यात्मिक लाभ और भागवत प्राप्ति मिल सकती है.
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